Tuesday 17 May 2016

Disconnect to Connect (1/infinity)

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Maybe we are too much engrossed in the "social media". There are reasons for this. We need to keep ourselves up-to-date, we need to know what goes around in the world, particularly wrt our respective professions. I am just wondering if it will be okay if we disconnect from online platforms to connect to the outer world a bit more. Everyone has preferences and so do I. I like to lie down just looking at the window, not necessarily outside it at times. I also like to write and read. But I am confused. How are people going to get in touch with me if it was not for the online platforms?

Saturday 7 May 2016

माँ - मातृत्व

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 क्यूंकि Mother's Day है तोह एक पोस्ट? नहीं यह वह वाली पोस्ट नहीं है. वैसे भी Mother's Day तोह कल है. 

मम्मी हमेशा कहती हैं, "तुम दोनों मेरी दुनिया हो". मैं हमेशा सोचती हूँ कैसे कोई अपनी पूरी दुनिया दो लोगों में समां सकता है, कैसे कोई अपना सब कुछ बिना किसी विचार के देने को तैयार हो जाता है. सब कहते हैं प्यार, वह वाला जो इस दुनिया से पार हो मिलना बहुत मुश्किल है. पर क्या वह प्यार हमारे आसपास नहीं होता हमेशा? जब से हम इस दुनिया में आए, कोई है जिसने हमें प्यार की परिभाषा सिखाई, जिसने हमें अपना सब कुछ बना लिया - माँ है वह. कोई भी और ऐसे प्यार नहीं कर सकता.

मेरी मम्मी बहुत प्यारी है. बहुत funny भी हैं. उन्हें बातें करना  बहुत अच्छा लगता है. उन्हें अच्छा लगता है जब वह सारी बातें मुझे बताती हैं, चाहे वह मेरे मतलब की न भी हों. उनमे आज भी वह छोटी सी बच्ची रहती है जो अभी भी सीख रही है हर दिन इस दुनिया में रहना.

हर वह पल जब मम्मी ने यह दुआ की मैं ठीक रहूं, की बस मैं खुश रहूं, बाकी सब तोह हो ही जायेगा. हर एक वह दिल से निकली दुआ, उसी ने मुझे बनाया है. मुझे याद है कैसे मम्मी की आँखों में आंसू होते हैं जब मैं घर से जाती हूँ, कैसे वह रोती है मेरी वजह से कभी कभी और कैसे वह अपार खुश होती है मुझे खुश देख के. वह सब से लड़ने को तैयार हो जाती है की मैं खुश रहूं. किसी और का message आये या नहीं आये , कोई मुझे याद रखे या नहीं रखे, किसी को मेरी हर छोटी बात याद रहे या न रहे, मम्मी को हमेशा रहती है. मम्मी का message रोज़ अत है. वह रोज़ बात करती है मुझसे. मुझे भी लगता है कोई और हो न हो, मम्मी तोह है. 

सिर्फ मम्मी कहती है, "तुझे देखने का बहुत मन कर रहा है. स्काइप पे आ जा". इतने हक़ से और कोई प्यार नहीं कर सकता कभी भी. पूरी दुनिया का प्यार एक तरफ और माँ का प्यार एक तरफ. मेरे exams की date से मेरी दवाइयों का time जब तबियत ख़राब होती है, मैंने खाना खाया या नहीं खाया, मेरी आवाज़ से मेरा मूड जान लेना, सब कुछ तोह पता है उन्हें. पता नहीं कैसे. इसलिए शायद मम्मी कहती है, "जब तुम माँ बनोगी तभी समझोगी."

माँ तोह मैं अभी भी हूँ, अपनी बहन की. उसने मुझे एहसास दिलाया की किसी को selflessly love करना क्या होता है, क्यों मैं अपना सब कुछ सबसे पहले उसे देने को तैयार हो जाती हूँ, मुझे भी नहीं पता. कैसे वह हमेशा जान लेती है मेरे दिमाग में क्या चलता है, कैसे Sherlock की तरह उसे सब जानना होता है, कैसे वह हमेशा हमेशा मेरे साथ खड़ी होती है, मेरी प्यारी सी बहन :)

मैं बहुत लकी हूँ. मेरी एक और माँ है. मेरी दादी. उनको मैं माँ बोलती हूँ. बचपन से लेके आज तक किसी ने मुझसे पागलपन वाला प्यार किया है न तोह वह यही हैं - मेरी दोस्त, मेरी माँ, मेरी सब कुछ. कैसे हम लड़ते हैं, कैसे वह मुझे inspire करती हैं अपनी कहानी से,कैसे वह मुझे पूरी दुनिया की खबर बताती है, कैसे वह मेरे लिए  पूजा भी करती  है, कैसे वह अपना सब कुछ मुझे देना चाहती है, कैसे वह किसी से भी मेरे लिए कुछ बुरा सुनना बर्दाश्त नहीं कर  सकती. मेरी प्यारी सी माँ.

Mother's Day तोह बहाना है. यह सब emotions इतने दिनों से दिल में थे. मुझे याद है मेरी एक दोस्त ने कहा था की कैसे हम आसानी से अपने दोस्तों को बोल देते हैं की कितना उनसे प्यार करते हैं, पर अपने परिवार को क्यों नहीं बोलते. मुझे पता है जैसे मैं बड़ी होंगी और, मैं और मेरी मम्मी और मेरी माँ - हम सब अलग अलग तरीकों से अपने इस रिश्ते में भी बढ़ेंगे. जैसे अब मेरी मम्मी मेरी दोस्त होती जा रही है. पर यह जो रिश्ता है न प्यार का जिसमे वह मुझे सबसे ज़्यादा प्यार करती है, वह ऐसे ही रहेगा. 

मुझे याद ही नहीं मैंने कब बोला हो की मम्मी और माँ मुझे आपसे बहुत प्यार है. मुझे आपके हाथ का खाना  , आपकी गोद में सोना, आपसे गले मिलना, आपका प्यार करना, आपका मुझे सोते हुए देखना, सब कुछ बहुत याद आता है. कितना भी हम argue कर लें पर आप लोग ही मेरी ताकत हो. प्यार क्या हैा ओर कैसा होना चाहये, यह आपने ही सिखाया है. मैं कहीं भी जाऊं, कितने भी रिश्ते बनाऊं, उन सब में यही वाला प्यार ढूंढती हु पर मुझे नहीं लगता कहीं और मिल सकता है.

पर आज कहना चाहती हूँ - आप दोनों से बहुत बहुत प्यार है मुझे. आपने मुझे बनाया, उसके लिए कोई शब्द नहीं है इस दुनिया में. कभी बोल ही नहीं पाऊँगी वैसे तोह की आप दोनों ने मेरे लिए क्या किया है. धन्यवाद बोलना तोह बहुत छोटी बात हो जाएगी.

आपकी बेटी
पंखु 

:-) 

प्यार करना है न तोह हक़ वाला ही करो!