Monday 15 February 2016

क्यूंकि कुछ सपने सोने नहीं देते....यूँ ही

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और फिर....यूँ ही, लोग समझने लगे और सवाल पूछने लगे. कुछ हाथ साथ में जुड़ने लगे. परिवर्तन का सफर तोह अभी शुरू ही हुआ था, पर कुछ दिलों को उसमें पनाह मिल गयी....यूँ ही.

क्यूंकि कुछ सपने सोने नहीं देते :-)

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